SHARE MARKET फंडामेंटल एनालिसिस का एक्सपर्ट तरीका fundamental analysis expert points

आज हम सीखेंगे फंडामेंटल एनालिसिस करने का एडवांस तरीका आइए देखते हैं कैसे करते हैं किसी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस।

आज हम सीखेंगे किसी कंपनी के ROE (RETURN ON EQUITY) को ब्रेकडाउन करना यह फंडामेंटल एनालिसिस का महत्वपूर्ण पॉइंट है। सबसे पहले हम ROE रिटर्न ऑन इक्विटी को समझते हैं ROE का मतलब आपने जो पैसा लगाया है उस पर कितना प्रतिशत आपको रिटर्न मिलता है। यह जितना ज्यादा रहे उतना ही अच्छा माना जाता है कम से कम 18% से ऊपर का ROE तो होना चाहिए पर एक बात का हमेशा ध्यान रहे आरोही को कर्जा लेकर भी बढ़ाया जा सकता है इसको हम बाद में अच्छे से समझेंगे यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पॉइंट है कई कंपनियां डिविडेंड दे कर भी ROE को बढ़ा लेती हैं उसमें कंपनी रिजर्व में पैसा नहीं रखती है एक बात का हमेशा ध्यान रखें जब भी कोई कंपनी पर 0% कर्जा हो तो ROE को देखा जाता है और यदि कंपनी के ऊपर कर्जा हो तो ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड) को देखा जाता है थोड़ा रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड के बारे में भी समझते हैं। इसका मतलब यह यह होता है कि कंपनी लगाए हुए पैसे पर कितना पैसा कमाती है जैसे किसी के ₹100 पर ROCE 216 परसेंट है तो वह ₹100 पर ₹216 कमाती है ROCE टोटल पैसों का बताता है और ROE शेयर होल्डर के पैसों का बताता है।

किसी कंपनी पर कर्जा कितने प्रतिशत सही रहता है ऐसी कंपनी ऐसी कंपनी जो अभी-अभी मार्केट में आई हो उस पर यदि ज्यादा कर्ज दिखता है तो वह कंपनी अपनी ग्रोथ के लिए कर्जा ले सकती है यदि मार्केट में पहले से स्थापित कंपनी अपने ऊपर ज्यादा कार्य दिखाती है तो वह कर्ज कितने प्रतिशत तक हम सही मान सकते हैं यह देखते हैं किसी कंपनी पर 1% से ज्यादा कर्ज नहीं रहना चाहिए बैंक के मामले में यह सही नहीं माना जाता क्योंकि बैंक का कारोबार कर्ज से ही चलता है।


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